प्रभाष परम्परा न्यास और मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने वसुंधरा (गाजियाबाद) स्थित इंस्टीट्शंस के मेवाड़ ऑडिटोरियम में सुप्रसिद्ध पत्रकार दिवंगत प्रभाष जोशी की पांचवीं पुण्यतिथि पर स्मृति सभा का संयुक्त रूप से आयोजन किया। खंडवा मध्य प्रदेश के सुप्रसिद्ध लोकगायक पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपाणिया ने इस मौके पर कबीर भजन गाकर उपस्थित जन समूह को भाव विभोर कर दिया। लगभग दो घंटे तक श्री टिपाणिया ने कबीर की साखियां, दोहे व उलटबांसियों के जरिये गुरु की महिमा, जीवन का सत्य, अनुभूति व अभिव्यक्ति की अपनी सुमधुर वाणी से व्याख्या की।
स्मृति सभा की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कवि व पत्रकार डॉ. नामवर सिंह ने की। केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय, मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया, निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कुमार, अवधेश कुमार, बनवारी लाल, कमलेश, प्रभाष जी के परिजनों व देश के नामचीन पत्रकारों ने प्रभाष जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। स्मृति सभा में श्री टिपाणिया ने गुरु शरण में रहना रे बंधु, लागी भजन धुन तेरी, शब्द कहां से उठना, जाके कहां को जाये, धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय आदि भजनों के जरिये जीवन के विविध रूपों की सस्वर व्याख्या प्रस्तुत कर सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
स्मृति सभा की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कवि व पत्रकार डॉ. नामवर सिंह ने की। केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय, मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया, निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कुमार, अवधेश कुमार, बनवारी लाल, कमलेश, प्रभाष जी के परिजनों व देश के नामचीन पत्रकारों ने प्रभाष जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। स्मृति सभा में श्री टिपाणिया ने गुरु शरण में रहना रे बंधु, लागी भजन धुन तेरी, शब्द कहां से उठना, जाके कहां को जाये, धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय आदि भजनों के जरिये जीवन के विविध रूपों की सस्वर व्याख्या प्रस्तुत कर सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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