Friday, 7 November 2014

राम की एक बहन थी शान्‍ता / बोधिसत्‍व

दशरथ की एक बेटी थी शान्‍ता
लोग बताते हैं, जब वह पैदा हुई
अयोध्‍या में अकाल पड़ा बारह वर्षों तक...
धरती धूल हो गयी...!
चिन्तित राजा को सलाह दी गयी कि
उनकी पुत्री शान्‍ता ही अकाल का कारण है!
राजा दशरथ ने अकाल दूर करने के लिए शृंगी ऋषि को पुत्री दान दे दी...
उसके बाद शान्‍ता कभी नहीं आयी अयोध्‍या...
लोग बताते हैं दशरथ उसे बुलाने से डरते थे...
बहुत दिनों तक सूना रहा अवध का आंगन
फिर उसी शान्‍ता के पति शृंगी ऋषि ने दशरथ का पुत्रेष्टि यज्ञ कराया...
दशरथ चार पुत्रों के पिता बन गये, सं‍तति का अकाल मिट गया
शान्‍ता राह देखती रही अपने भाइयों की...
पर कोई नहीं गया उसे आनने हाल जानने कभी
मर्यादा पुरुषोत्तम भी नहीं,
शायद वे भी रामराज्‍य में अकाल पड़ने से डरते थे
जबकि वन जाते समय राम शान्‍ता के आश्रम से होकर गुज़रे थे...
पर मिलने नहीं गये...
शान्‍ता जब तक रही राह देखती रही भाइयों की
आएंगे राम-लखन, आएंगे भरत शत्रुघ्‍न
बिना बुलाये आने को राजी नहीं थी शान्‍ता...
सती की कथा सुन चुकी थी बचपन में, दशरथ से...!


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