Tuesday, 18 November 2014

जियो पारसी

एक शोध के मुताबिक समाज में तेजी से पारसियों की संख्या घट रही है। 40 प्रतिशत की कमी आई है। ऐसे में केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग की अनुशंसा पर ‘जियो पारसी’ के नाम से एक योजना शुरू की है। पारसी दंपतियों को कई तरह की सुविधा का प्रावधान है।  योजना को प्रोत्साहित करने के लिए विज्ञापन बनाए गए हैं। विज्ञापनों में कंडोम का इस्तेमाल न करने की नसीहत दी गई है तो किसी विज्ञापन में आबादी नहीं बढ़ने पर पारसियों की कॉलोनी को ‘हिंदू कॉलोनी’ बन जाने की बात कही गई है। कुछ विज्ञापनों में तो उन महिलाओं पर व्यंग्य किया गया है जो शादी के लिए योग्य वर की तलाश करती रहती हैं, इसी को ध्यान में रखकर एक विज्ञापन में रतन टाटा की तलाश नहीं करने का कटाक्ष किया गया है। इन विज्ञापनों को लेकर पारसी समाज में ही विरोध शुरू हो गया है। साथ ही नतीजे अच्छे आने शुरू हो गए हैं। इस योजना के तहत हाल ही में पारसी समाज की पांच महिलाओं ने ‘इन विट्रो फर्टिलाइजेशन’ (आईवीएफ) तकनीक से गर्भधारण किया है, जो इस योजना के लिए शुभ संकेत है। 

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