शब्द
शब्द आओ मेरे पास,जो बुलायें, जाओ उनके पास भी
Wednesday, 29 October 2014
अए शैख़-ओ-ब्रह्मन सुनते हो क्या अह्ल-ए-बसीरत कहते हैं गर्दों ने कितनी बुलंदी से उन क़ौमों को दे पटका है
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