Thursday, 9 January 2014

उधारी पर नाचें जेठानी के पूत यानी जेब में पैसा-न-कौड़ी, बीच बजार में दौड़ा-दौड़ी

काकी की कहावत
अरविंद केजरीवाल पर कुछ लोग इतने फिदा होते जा रहे हैं मानो आम आदमी पार्टी में उन्हें भी कोई जगह मिलने वाली है या वे स्वयंभू पार्टी प्रवक्ता बन गए हैं।
और कुछ लोग ऐसे फनफना रहे हैं, लाल-पीले हो रहे हैं, गुलेल ताने-ताने शिकार पर निकल पड़े हैं, गुर्र-गुर्र गुर्रा रहे हैं मानो फेसबुक पर क्रांति कर डालेंगे।
और कुछ लोग मजा ले रहे हैं। 'लेत्तेरे, देत्तेरे' पर दोनो तरफ से 'लाइक-लाइक' का माइक संभाले हीहीही में मस्त हैं।
और कुछ लोग, जो पहले केजरीवाल पर तरह-तरह की भविष्यवाणियां बांच रहे थे, इन दिनो उनके मन-प्राण मयूरी हो चले हैं
जय हो फेसबुकिया लोकतंत्र की जय हो।
इसे कहते हैं उधारी पर नाचें जेठानी के पूत यानी जेब में पैसा-न-कौड़ी, बीच बजार में दौड़ा-दौड़ी......


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