सरकारी खर्च विधेयक पर अमेरिकी कांग्रेस मे सहमति नहीं बन पाने के कारण ह्वाइट हाउस ने सभी गैर जरूरी सरकारी एजेंसियों को बंद करने का आदेश दे दिया है। तकरीबन 10 लाख सरकारी र्कमचारियो को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा जा सकता है। 17 साल में यह पहला मौका है जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था में ऐसी स्थिति पैदा हुई है। राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा लाये जा रहे स्वास्थ्य रक्षा कानून का विरोध कर रहे रिपब्लिकन पार्टी के नेता सरकारी व्यय विधेयक को पारित करने पर राजी नहीं हुए जिससे जारी वित्त वर्ष की बाकी अवधि के लिए बजट की व्यवस्था की जानी है। स्वास्थ्य रक्षा कानून को अमेरिका में ओबामा रक्षा कानून भी कहा जा रहा है। इससे अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ेगा। रिपब्लिकन पार्टी की मांग है कि अगर सरकार सरकारी खर्च विधेयक पारित कराना चाहती है तो वह स्वास्थ्य रक्षा कानून वापस ले। सरकारी खर्च विधेयक पारित नहीं होने के कारण जारी वित्त वर्ष में सरकारी खर्च के लिए बजट की कमी हो गई है। लेकिन ओबामा और उनकी डेमोक्रटिक पार्टी इस बात पर अड़ी है कि वे किसी भी सूरत मे स्वास्थ्य रक्षा विधेयक से समझौता नहीं करेंगे। बजट पर गतिरोध लंबा खिंचने से 17 साल बाद एक बार फिर से अमेरिका को शटडाउन का सामना करना पड़ा है। अमेरिका की सत्ताधारी पार्टी डेमोक्रेट्स और विपक्षी दल रिपब्लिकन संघीय बजट पर सहमति नहीं बनी, जिसके बाद ये फैसला लेना पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी चालू वित्त वर्ष के बचे हुए छह महीनों के लिए वित्तीय प्रबंधन पर कोई फैसला नहीं ले पाए। 17 साल बाद वित्त की कमी के कारण अमेरिकी सरकार को फिर शटडाउन करना पड़ा है। संघीय एजेंसियों और कार्यक्रमों के लिए पैसे की कमी होने पर एंटीडेफिशिएंसी एक्ट के मुताबिक संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। प्रशासन बजट न होने के कारण कर्मचारियों की छुट्टी कर देता है। इस दौरान उन्हें वेतन भी नहीं दिया जाता है। दरअसल, अमेरिका में ओबामा प्रशासन को संघीय बजट के लिए विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी से जूझना पड़ रहा है। इस शटडाउन का असर कई जरूरी सेवाओं पर असर पड़ने के साथ अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। इससे पहले 1995 में अमेरिकी प्रशासन को शटडाउन का सामना करना पड़ा था, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा था। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि शटडाउन का अमेरिकी अर्थव्यस्था पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। अमरीकी संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट ने बजट बिल को नकारते हुए इसे निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा को वापिस भेजा है। राष्ट्रपति बराक ओबामा का हेल्थकेयर क़ानून जिसे ओबामाकेयर कहा गया है, इस राजनैतिक अड़चन की मुख्य वजह है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सदस्यों और सीनेट में उनके सहयोगियों ने मांग करते हुए कहा कि इस कानून को वापस लिया जाए या इस पर होने वाले खर्च के लिए पैसा ना दिए जाएं तभी वो सरकारी ख़र्च के लिए बिल पारित करेंगे।
Monday, 30 September 2013
अमेरिका में शटडाउन का ऐलान, सभी सरकारी दफ्तर बंद
सरकारी खर्च विधेयक पर अमेरिकी कांग्रेस मे सहमति नहीं बन पाने के कारण ह्वाइट हाउस ने सभी गैर जरूरी सरकारी एजेंसियों को बंद करने का आदेश दे दिया है। तकरीबन 10 लाख सरकारी र्कमचारियो को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा जा सकता है। 17 साल में यह पहला मौका है जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था में ऐसी स्थिति पैदा हुई है। राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा लाये जा रहे स्वास्थ्य रक्षा कानून का विरोध कर रहे रिपब्लिकन पार्टी के नेता सरकारी व्यय विधेयक को पारित करने पर राजी नहीं हुए जिससे जारी वित्त वर्ष की बाकी अवधि के लिए बजट की व्यवस्था की जानी है। स्वास्थ्य रक्षा कानून को अमेरिका में ओबामा रक्षा कानून भी कहा जा रहा है। इससे अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ेगा। रिपब्लिकन पार्टी की मांग है कि अगर सरकार सरकारी खर्च विधेयक पारित कराना चाहती है तो वह स्वास्थ्य रक्षा कानून वापस ले। सरकारी खर्च विधेयक पारित नहीं होने के कारण जारी वित्त वर्ष में सरकारी खर्च के लिए बजट की कमी हो गई है। लेकिन ओबामा और उनकी डेमोक्रटिक पार्टी इस बात पर अड़ी है कि वे किसी भी सूरत मे स्वास्थ्य रक्षा विधेयक से समझौता नहीं करेंगे। बजट पर गतिरोध लंबा खिंचने से 17 साल बाद एक बार फिर से अमेरिका को शटडाउन का सामना करना पड़ा है। अमेरिका की सत्ताधारी पार्टी डेमोक्रेट्स और विपक्षी दल रिपब्लिकन संघीय बजट पर सहमति नहीं बनी, जिसके बाद ये फैसला लेना पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी चालू वित्त वर्ष के बचे हुए छह महीनों के लिए वित्तीय प्रबंधन पर कोई फैसला नहीं ले पाए। 17 साल बाद वित्त की कमी के कारण अमेरिकी सरकार को फिर शटडाउन करना पड़ा है। संघीय एजेंसियों और कार्यक्रमों के लिए पैसे की कमी होने पर एंटीडेफिशिएंसी एक्ट के मुताबिक संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। प्रशासन बजट न होने के कारण कर्मचारियों की छुट्टी कर देता है। इस दौरान उन्हें वेतन भी नहीं दिया जाता है। दरअसल, अमेरिका में ओबामा प्रशासन को संघीय बजट के लिए विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी से जूझना पड़ रहा है। इस शटडाउन का असर कई जरूरी सेवाओं पर असर पड़ने के साथ अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। इससे पहले 1995 में अमेरिकी प्रशासन को शटडाउन का सामना करना पड़ा था, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा था। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि शटडाउन का अमेरिकी अर्थव्यस्था पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। अमरीकी संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट ने बजट बिल को नकारते हुए इसे निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा को वापिस भेजा है। राष्ट्रपति बराक ओबामा का हेल्थकेयर क़ानून जिसे ओबामाकेयर कहा गया है, इस राजनैतिक अड़चन की मुख्य वजह है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सदस्यों और सीनेट में उनके सहयोगियों ने मांग करते हुए कहा कि इस कानून को वापस लिया जाए या इस पर होने वाले खर्च के लिए पैसा ना दिए जाएं तभी वो सरकारी ख़र्च के लिए बिल पारित करेंगे।
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